ऑनलाइन शिक्षा का बढ़ता चलन: क्या वाकई छात्रों के लिए फायदेमंद?

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9/26/20241 मिनट पढ़ें

ऑनलाइन शिक्षा का बढ़ता चलन: क्या वाकई छात्रों के लिए फायदेमंद?

कोविड-19 महामारी के बाद से ऑनलाइन शिक्षा ने दुनियाभर में एक नई क्रांति ला दी है। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने अपनी कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करना शुरू कर दिया है। ऑनलाइन शिक्षा ने जहां एक ओर छात्रों को घर बैठे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया है, वहीं इसके कई नकारात्मक पहलू भी सामने आए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह सभी छात्रों के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं है। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों को इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, घर का वातावरण भी पढ़ाई के लिए उपयुक्त नहीं होता, जिससे छात्रों की एकाग्रता प्रभावित होती है।

एक अन्य समस्या यह है कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त करने का मौका कम मिलता है। कक्षाओं में जो आपसी संवाद और शिक्षक-छात्र के बीच सीधा संपर्क होता है, उसकी कमी ऑनलाइन माध्यम में महसूस की जाती है। इसके अलावा, लंबी अवधि तक स्क्रीन के सामने बैठने से स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जैसे कि आंखों में तनाव और मानसिक थकावट।

फिर भी, ऑनलाइन शिक्षा ने छात्रों को नई तकनीकों से परिचित कराने और आत्मनिर्भरता सिखाने में मदद की है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि छात्र अपने समय के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं और उन्हें यात्रा करने की जरूरत नहीं होती। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा के इस नए रूप को सुधारने की जरूरत है, ताकि यह छात्रों के लिए और भी अधिक फायदेमंद साबित हो सके।

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