मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वच्छता अभियान ने फिर से जीता 'क्लीन सिटी' का खिताब

क्षेत्रीय खबरें

9/19/2024

मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वच्छता अभियान ने फिर से जीता 'क्लीन सिटी' का खिताब

इंदौर शहर ने एक बार फिर देश के सबसे स्वच्छ शहर का प्रतिष्ठित खिताब हासिल कर लिया है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत यह उपलब्धि इंदौर के लिए गर्व का विषय है, जो लगातार अपनी स्वच्छता के लिए पहचाना जाता रहा है। इस जीत के पीछे इंदौर के नागरिकों और प्रशासन की संयुक्त मेहनत और सतत प्रयास हैं, जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। इंदौर ने केवल इस बार ही नहीं, बल्कि पिछले कई वर्षों से स्वच्छता में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं और शहर को स्वच्छता का आदर्श उदाहरण बना दिया है।

इस उपलब्धि का श्रेय नगर निगम के अधिकारियों और सफाईकर्मियों को दिया जा रहा है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत की और शहर की सड़कों, पार्कों, और सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा बनाए रखा। इंदौर के नगर निगम ने कचरा प्रबंधन और रीसाइक्लिंग के नए तरीकों को अपनाया है, जो देशभर में उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में कचरे को अलग-अलग वर्गों में बांटा जाता है, जिससे रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया आसान हो जाती है।

इसके अलावा, इंदौर में जागरूकता अभियानों ने भी अहम भूमिका निभाई है। नागरिकों को नियमित रूप से स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। स्वच्छता अभियान के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं, जागरूकता रैलियों, और स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य स्वच्छता के महत्व को समझाना और इसे जन-जन तक पहुंचाना होता है। स्वच्छता का यह जुनून अब इंदौर की पहचान बन गया है, जहां लोग अपने आसपास की साफ-सफाई के प्रति सचेत रहते हैं।

इंदौर के स्वच्छता अभियान की एक और महत्वपूर्ण पहल कचरा संग्रहण के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग है। शहर में स्वचालित कचरा गाड़ियां, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और स्मार्ट डस्टबिन जैसी सुविधाओं का प्रावधान किया गया है, जिससे कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित होता है। इसके अलावा, शहर में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं, जहां कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है।

शहर में सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई की जिम्मेदारी केवल सफाईकर्मियों पर नहीं छोड़ी जाती, बल्कि नागरिक भी इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं। कई सामाजिक संगठन और एनजीओ नियमित रूप से सफाई अभियान चलाते हैं, जिसमें स्थानीय निवासी और स्कूली बच्चे भी हिस्सा लेते हैं। ये संगठन शहर के हर इलाके में स्वच्छता बनाए रखने का प्रयास करते हैं और नागरिकों को इस दिशा में जागरूक करते हैं।

इंदौर की सफलता में एक और अहम योगदान नागरिकों के व्यवहार का भी है। यहां के लोग स्वच्छता के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और कचरा खुले में फेंकने से बचते हैं। शहर में "जीरो वेस्ट" मुहिम भी चलाई गई है, जिसका उद्देश्य कचरा उत्पादन को न्यूनतम स्तर पर लाना है। इसके तहत नागरिकों को घरों में ही कचरे का प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

इंदौर के स्वच्छता मॉडल को अब देशभर के अन्य शहरों में भी अपनाया जा रहा है। इस मॉडल के जरिए प्रशासन और नागरिकों के बीच एक मजबूत तालमेल स्थापित होता है, जो शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में मदद करता है। इंदौर की इस निरंतर सफलता ने उसे भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में बार-बार शीर्ष स्थान पर बनाए रखा है।

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