किसान आंदोलन का असर: ग्रामीण इलाकों में भाजपा के लिए चुनौती

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10/8/20241 मिनट पढ़ें

किसान आंदोलन का असर: ग्रामीण इलाकों में भाजपा के लिए चुनौती

किसान आंदोलन का असर हरियाणा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल में साफ तौर पर देखा जा सकता है। एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है, जहां कांग्रेस ने अपनी पकड़ मजबूत की है। किसान आंदोलन के बाद से भाजपा को ग्रामीण मतदाताओं के बीच समर्थन कम होता नजर आ रहा है, जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और ग्रामीण इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत की।

कांग्रेस का चुनावी अभियान

कांग्रेस ने इस चुनाव में किसानों के मुद्दों को केंद्र में रखा। पार्टी ने किसानों की कर्ज माफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल की खरीद और कृषि सुधारों पर जोर दिया। इसके अलावा, कांग्रेस ने भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों ने किसानों की समस्याएं बढ़ा दी हैं। कांग्रेस ने वादा किया कि वह सत्ता में आने पर इन कानूनों को रद्द कर देगी और किसानों के लिए नई योजनाएं लाएगी।

भाजपा की चुनौतियाँ

भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में विकास के मुद्दों पर जोर दिया, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह रणनीति ज्यादा काम नहीं आई। पार्टी ने किसान आंदोलन के मुद्दे को हल करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस के जोरदार प्रचार ने उसे पीछे कर दिया।

किसानों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में

एग्जिट पोल के अनुसार, किसानों के बीच भाजपा का समर्थन कमजोर हो गया है। खासकर जाट बहुल इलाकों में कांग्रेस को भारी समर्थन मिला है। किसानों ने कांग्रेस के चुनावी एजेंडे को स्वीकार करते हुए उसे वोट दिया है।

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