राजस्थान के बीकानेर में ऊंट महोत्सव का धूमधाम से आयोजन
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राजस्थान के बीकानेर में ऊंट महोत्सव का धूमधाम से आयोजन
बीकानेर का ऊंट महोत्सव राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्वितीय हिस्सा है, और हर साल यह आयोजन न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है। 2024 में आयोजित इस महोत्सव का शुभारंभ 18 सितंबर को हुआ, और यह साल दर साल पहले से अधिक भव्य रूप लेता जा रहा है। ऊंट महोत्सव का यह आयोजन बीकानेर की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को उजागर करता है, जहां ऊंटों की सजावट, उनके खेल, दौड़, और अन्य विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह पर्व मनाया जाता है।
महोत्सव के दौरान ऊंटों की सजावट खास आकर्षण का केंद्र होती है। इस वर्ष भी ऊंटों को पारंपरिक रूप से रंग-बिरंगे वस्त्रों और गहनों से सजाया गया, जो राजस्थान की संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं। ऊंटों की सजावट प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जहां सबसे सुंदर ऊंट को पुरस्कृत किया गया। इस प्रतियोगिता में स्थानीय ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अपने ऊंटों को बेहतरीन तरीके से सजाया। यह प्रतियोगिता न केवल लोगों के मनोरंजन का साधन थी, बल्कि इसने ऊंटों की देखभाल और उनके महत्व पर भी ध्यान खींचा।
महोत्सव का दूसरा आकर्षण ऊंट दौड़ थी, जिसमें ऊंटों ने तेजी से दौड़कर सभी का ध्यान आकर्षित किया। ऊंटों की यह दौड़ न केवल रोमांचक थी, बल्कि यह राजस्थान की पारंपरिक खेलकूद की विधाओं में से एक है। देश-विदेश से आए पर्यटकों ने इस दौड़ का भरपूर आनंद लिया और बीकानेर के इस अनोखे महोत्सव को अपने जीवन का खास अनुभव बताया।
ऊंट महोत्सव के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा लोकनृत्य और संगीत का भी आयोजन किया गया। राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का यह प्रदर्शन इस महोत्सव को और भी खास बनाता है। लोकनृत्य में महिलाओं ने अपने पारंपरिक वस्त्र पहनकर नृत्य किया, जबकि पुरुषों ने वाद्ययंत्रों की धुन पर उनका साथ दिया। इस महोत्सव में हर साल नए-नए सांस्कृतिक कार्यक्रम जोड़े जाते हैं, जिससे यह और भी आकर्षक होता जा रहा है।
ऊंट महोत्सव का उद्देश्य केवल ऊंटों के खेल और सजावट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व मंच पर लाना भी है। यह महोत्सव न केवल पर्यटकों के मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है, और यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। बीकानेर में हर साल हजारों पर्यटक इस महोत्सव में शामिल होते हैं, जिससे स्थानीय व्यापार और होटल उद्योग को भी काफी लाभ होता है।
इसके अलावा, ऊंट महोत्सव के दौरान स्थानीय हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों का भी विशेष प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिससे पर्यटक राजस्थान की कला और संस्कृति को और करीब से समझ पाते हैं। स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पाद, जैसे कि आभूषण, मिट्टी के बर्तन, कपड़े आदि, पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय होते हैं। इस प्रकार, यह महोत्सव न केवल ऊंटों का उत्सव है, बल्कि राजस्थान की समृद्ध परंपराओं और कलाओं का भी उत्सव है।
इस महोत्सव के दौरान विदेशी पर्यटकों का भी जमावड़ा देखने को मिलता है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति अपने आकर्षण के चलते यहां खिंचे चले आते हैं। उनके लिए यह महोत्सव एक नया अनुभव होता है, जो उन्हें राजस्थान की धरती और उसकी लोक कलाओं से जोड़ता है। इसके माध्यम से भारत की संस्कृति और विरासत को विश्व मंच पर लाने का यह प्रयास काफी सफल साबित हो रहा है।